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दिल्ली मैट्रो तीन / रजनी अनुरागी
Kavita Kosh से
तीन
और जबसे ट्रेन का पहला कोच
महिलाओं के लिए हुआ है आरक्षित
प्रेमी चाहता है प्रेमिका के साथ रहे
दूसरा कोई उसे ना तके
इसलिए महिला कोच के बिचले दरवाज़े पर फँसे रहेंगे
और कनखियों से दूसरियों को भी तकेंगे
कुछ मर्द रहते हैं व्याकुल
छूकर निकलना चाहते हैं नारी तन को
बार-बार मना करने पर भी महिला कोच में चढ़ेंगे
कितना ही समझालो इन्हें
बेशर्मी से हँसेंगे
भारतीय संस्कृति के ये देवता
औरतों से सटकर ही रहेंगे