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दिल्ली में बसंत / दिनेश कुमार शुक्ल
Kavita Kosh से
रंग-बिरंगे फूल
भावना की सुवास है
हफ्ते भर का है वसंत
फ़रवरी मास है
इतने बरसों बाद
तुम्हारा दो दिन का दिल्ली प्रवास है
सच बतलाना
एक दूसरे के वियोग में
हममें तुममें
क्या कोई सचमुच उदास है