दिल अंधेरों के हैं हिल गये।
रौशनी को दिये मिल गये॥
बे सबब दर्द सहना पड़ा
ख़ार से तन बदन छिल गये॥
जब नज़र मिल गयी आपसे
प्यार से दिल कमल खिल गये॥
बन के रहबर रहे साथ जो
छीन कर मेरी मंज़िल गये॥
ख़ामुशी भर रही सिसकियाँ
इस तरह छोड़ क़ातिल गये॥