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दिल किसी से तो लगाए रखिए / निवेदिता झा

ज़ीनते इश्क बचाए रखिये
दिल किसी से तो लगाए रखिए

लाख राहों में अँधेरे आएँ
प्यार का दीप जलाए रखिए

घरकी'छत पर हो' परिन्दों की' चहक
दाना'पानी ही' बनाए रखिए

जिस यकीं पर वो' तुम्हारे आया
उस यकीं को भी बनाए रखिए

हो न रुसवा ये' मुहब्बत मेरी
इतना' अहसान बनाए रखिए