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दिल में कोई छुपा ग़म तो है / रंजना वर्मा

दिल में कोई छुपा ग़म तो है
आँख तेरी तभी नम तो है

पोंछ के अश्क़ तू हँस दिया
बात में मेरी कुछ दम तो है

तू हँसा तो चमन खिल गया
खुशनुमा आज मौसम तो है

है अलोनी सी ये जिंदगी
कुछ यक़ीनन कहीं कम तो है

जा रही बेवजह जिंदगी
रूठता आज आलम तो है

चोट की कोई परवा नहीं
पास में अपने मरहम तो है

तिश्निगी लब पे मचली तो क्या
फूल पर थोड़ी शबनम तो है