दिल में दर्द दबा कर रोए / रविकांत अनमोल
दिल में दर्द दबा कर रोए
अपने अश्क छुपा कर रोए
आंसू पी कर दर्द छुपा कर
आंखों में मुसका कर रोए
दिलबर ने दिल ऐसा तोड़ा
दिल समझा-समझा कर रोए
ये दुनिया हम को क्या छलती
ख़ुद से धोका खा कर रोए
एक नहीं ग़मख़ार जहां में
हम तो दर दर जा कर रोए
प्यार निभाने के क़ायल थे
तुम क्यों प्यार निभा कर रोए
प्यार भरोसा दुनियादारी
हम हर चीज़ गंवाकर रोए
अपनी जान के दुश्मन को हम
दिल का हाल सुना कर रोए