भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
दिल में ये प्यार के वहम क्या हैं! / गुलाब खंडेलवाल
Kavita Kosh से
दिल में ये प्यार के वहम क्या हैं!
तू ही बतला कि तेरे हम क्या हैं
जब न कोई लगाव है हमसे
ये इशारे क़दम-क़दम क्या हैं!
क्या करें, दिल किसीपे जो आ जाय!
जानते हम भी, ये भरम क्या हैं
उनके वादों पे जिये जाते हैं
ये भी एहसान उनके कम क्या हैं!
उनके रंगों में मिल गये हैं गुलाब
अब किसे क्या बतायें, हम क्या हैं!