दिल से निकली हुई दुआ हो तुम / रंजना वर्मा

दिल से निकली हुई दुआ हो तुम
जिंदगी दे वही हवा हो तुम

जो करे राह अँधेरी रौशन
वही जलता हुआ दिया हो तुम

चाँदनी रात भीगती जाये
चातकों की विकल सदा हो तुम

नफ़रतें तोड़ रही हैं रिश्ते
प्यार का एक सिलसिला हो तुम

खार उगने लगे हैं गुलशन में
फूल उल्फ़त का इक खिला हो तुम

जब भी आयी हैं मुश्किलें आगे
तब किया जो वो फ़ैसला हो तुम

हर मुसीबत से बचाने वाला
आसरा दे वो आशियाँ हो तुम

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