भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
दिल से पूछा ये मैं कि इश्क़ की राह / सौदा
Kavita Kosh से
दिल से पूछा ये मैं कि इश्क़ की राह
किस तरफ़ मेहरबान पड़ती है?
कहा उनने कि नै ब-हिन्दोस्तान
नै सू-ए-इस्फ़हान पड़ती है
ये दोराहा जो कुफ़्र-ओ-दीं का है
दोनों के दरमियान पड़ती है