भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
दिसम्बर / चार्ल्स सिमिह / मनोज पटेल
Kavita Kosh से
गिर रही है बर्फ़
और घूम रहे हैं बेघर बँजारे
कन्धों से लटकाए हुए
विज्ञापन-पट
एक दुनिया के ख़ात्मे का
ऐलान करता हुआ
और दूसरा
स्थानीय नाई की दुकान की दरों का ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : मनोज पटेल