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दीमक / इला प्रसाद

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वक्त का दीमक
मेरे अक्षरों को चाट जाए
इससे पहले ही
दिखला देनी होगी इन्हें
दोपहर की धूप।

सीख लें ये भी,
आँच में तपना।
वक्त की कसौटी पर चढ़कर,
खरा उतरना।
धूप में चमकना।
किसी के हिस्से का सूरज बन कर,
राह में,
रोशनी-सा बरसना।

वक्त का दीमक
मेरे अक्षरों को लगे
इससे पहले ही
मैं दिखला लाऊँगी इन्हें
सुबह की धूप।