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दीये-सा जले (हाइकु) / रमा द्विवेदी
Kavita Kosh से
१-दीये -सा जले
मेहनत जो करे
समृद्धि आए |
२-अंधेरी रात
अकेला है जलता
माटी का दीया |
३-रंगोली सजी
हर देहरी द्वार
दीपों के साथ
४-स्नेह का दीप
खुशियों से भरता
घर-आँगन |
५-जिस घर में
होता स्त्री का सम्मान
लक्ष्मी का वास |
६-लक्ष्मी की पूजा
करता दरिद्र भी
लक्ष्मी न आए |
७-अनार जले
सावधानी बरते
बच्चे न जले |
८-मंगलमय
सुख -समृद्धि -यश
लक्ष्मी के वश |
९-सब हो सुखी
सब होवें समृद्ध
झगड़ा ख़त्म |
१०-पटाखे जले
राकेट बम छोड़े
होड़ लगाएं |
११-घर-महल
उजास ही उजास
दीवाली - रात |