भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

दीवाना लेके आया है / आनंद बख़्शी

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

 
दीवाना लेके आया है, दिल का तराना
दीवाना लेके आया है, दिल का तराना
देखो कहीं यारों, ठुकरा ना देना, मेरा नज़राना
दीवाना लेके ...

आज का दिन है, कितना सुहाना, झूम रहा प्यार मेरा
पूरी हों दिल की, सारी मुरादें, खुश रहे यार मेरा
हो हो, चाँद सा जीवन साथी मुबारक
जीवन में आना
दीवाना लेके ...

अपने भी हैं कुछ, ख्वाब अधूरे, कौन अब गिने कितने
सच तो ये है के मेरे, दोस्त के सपने भी, हैं मेरे अपने
हो हो, उसकी खुशी अब, मेरी खुशी है
ऐ दिल-ए-दीवाना
दीवाना लेके ...