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दीवा कै मण रै दीवा कै मण / हरियाणवी
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हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
दीवा कै मण रै दीवा कै मण गाल्या लोहरे तो कै मण जाल्या कोयला जे
दीवा नौ मण रै दीवा नौ मण गाल्या लोहरे दीवा दस मण जाल्या कायला जे
बात्ते रै तेरे बात्त घाल्यूं सवा सेर की घड़ीए उजेऊं तेलको जे
भर चास्सूं रै भर चास्सूं म्हारै संकर की धनसाल
घर प्यारे कै चांदणो जे
भर चास्सूं रै भर चास्सूं म्हारे रामसिंह की धमसाल
घर राम सरन कै चांदणो जे