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दुआरे ठाढ़े ब्रह्मा किंवारे ठाढ़े महादेव / महेन्द्र मिश्र
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दुआरे ठाढ़े ब्रह्मा किंवारे ठाढ़े महादेव
झाँकत सभ देव आज खिड़की ओ भंवारी में।
कोठे चढ़ि सूर्य झाँके आँगन से चांद झाँके
आस पास लोग झाँके भीर है दुआरी में।
आज तक ना देखे कबहीं कानन से सुने नाहीं
अइसन है सुरूप चलो देख लीं निहारी मैं।
द्विज महेन्द्र अति आनंद देखि के मुखार बिन्द
भीड़ भई भारी आज दुमुहाँ-अटारी में।