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दुख / कुमार मुकुल
Kavita Kosh से
इतने हँसमुख क्यों होते हैं दुख
कि प्यार आने लगे उन पर
एक का दुख कैसे भा जाता है सबको
कि गाने लगते हैं सब उसको
एक दो-तीन सात सुरों में।