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दुनिया, माँ रै पाछै चालै / कुंदन माली

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आवतां-जावतां
म्हारै मन में
अेक ईज बात रैवै

जे आ धरती
आप री तमाम
निपज रो मोल
मांगणो सरू कर देवै
तो पछै धरती रो सरूप
किस्यो व्है जावैला ?

बेटो बाप री गैल चालै
आ तो ठीक है

पण मां, बेटा सूं
सीखणी सरू कर देवै
बो दिन कदास
भगवान पण नीं
देखणौ चावैला ?