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दुनिया का चेहरा / राजा खुगशाल
Kavita Kosh से
एक समय था
जब दुनिया के दो चेहरे थे
यूनान के देवता ज़ेसस कीतरह
एक चेहरा बिल्कुल ख़ामोश
दूसरा बेहद बुलन्द
एक चेहरा एकदम सौम्य
दूसरा गुस्से से तमकता हुआ हर समय
एक चेहरा ख़ुशी से मुस्कराता हुआ
और दूसरा दुखी
आँसू बहाता हुआ दिन-रात
लेकिन वह समय अब नहीं रहा
अब पहचान नहीं सकते हम
दुनिया का चेहरा
जैसा चाहें वैसा देख सकते हैं
जो चाहें वह चेहरा दे सकते हैं दुनिया को
बेहद आसान है अब चेहरा बदलना
चेहरा ओढ़ना
चेहरा बेचना और ख़रीदना
अब एक चेहरे पर कई चेहरे हैं
बेहद आसान है अब चेहरा बदलना
जब किसी के पास अपना चेहरा न हो
जब दुनिया के अनेक चेहरे हों
और चेहरे का हर भाव
बाज़ार में बिकता हो ।