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दुनिया की बेहतरीन कविता / सत्यनारायण सोनी
Kavita Kosh से
दिन ढले
धोरे की ढलान ढलता
गडरिया,
फोगों बीच
चरती भेड़ों के गले
बजती घंटियों के सुर।
सचमुच,
यही है-
दुनिया की बेहतरीन कविता।
1990