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दुनिया में भगवान न होता / गरिमा सक्सेना
Kavita Kosh से
दुनिया में भगवान न होता
फिर भयभीत इंसान न होता
हिम्मत करता वो न अगर तो
काम कभी आसान न होता
प्यार,वफ़ा,खुशियाँ जो मिलतीं
फिर कोई शैतान न होता
वादे निभाता नेता अगर तो
वो हरगिज़ धनवान न होता
ग़ौर से पढ़ लेता जो मेरे ख़त
वो मुझसे अनजान न होता