भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

दुनिया समझ में आती है / हाइनर म्युलर / उज्ज्वल भट्टाचार्य

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मार्क्स
मर चुका एक अपराधी
वह दुनिया बदलना चाहता था
जो ईश्वर ने बनाई

फ़्रॉयड मुर्दाबाद
वह हमें बरगलाना चाहता था
कि ऐसा कुछ है
जो हम नहीं जानते

यहूदी आइनश्टाइन
उसकी राख भी जलती रहे
उसने ऐटम बम बना दिया
तब से
हमारा जीवन सापेक्ष है एक यहूदी

हमारी बदकिस्मती
हिटलर को यह पता था
ब्राउनाऊ का एक मामूली सा इन्सान
जर्मनी के महान दौर में
पाठ्यपुस्तक का विषय
सारी दुनिया में फैल गई उसकी करतूतें

न्यूयार्क का एक टैक्सीचालक
रुमानिया से आया हुआ
मुझसे उसने कहा :
YOU GERMAN GERMANY GOOD
DO YOU KNOW THAT HITLER WAS CRAZY
(तुम जर्मन हो, जर्मनी एक अच्छा देश है
क्या तुम जानते हो, हिटलर सनकी था)

मैंने कहा :
YES (हाँ)

और फिर :
BUT DO YOU KNOW WHY —
(लेकिन क्या तुम्हें मालूम है कि ऐसा क्यों था)

कहा उसने
और कहता रहा —

BECAUSE HE DIDNT KILL ALL JEWS
EVEN HERE ARE THEY IN POWER AND
I HAVE TO FIGHT THEM
(क्योंकि उसने सभी यहूदियों की हत्या नहीं की
यहाँ भी आज वो सत्ता में हैं
अब मुझे उनसे लड़ना पड़ेगा)

मैंने पूछा :
SO WHY
DID YOU LEAVE ROUMANIA
(अच्छा, तो क्या फिर
तुमने रोमानिया छोड़ दिया)

उसने कहा  :
ALL JEWS
BREZHNEV CEAUCESCO ALL JEWS
(सभी यहूदी हैं
ब्रेझनेफ़, चाउशेस्कू सभी यहूदी हैं)

मैंने पूछा :
BUT HOW
DID YOU GET OUT OF ROUMANIA
(लेकिन तुम
रोमानिया से बाहर कैसे निकले)

उसने कहा :
MONEY MONEY
(पैसा, पैसा देकर)

अंगूठे से एक उंगली मसलते हुए :
 ALL JEWS
(सभी यहूदी हैं)

इसी तरह दुनिया समझ में आती है
ज़िन्दगी
बन जाती है आसान ।

मूल जर्मन भाषा से अनुवाद : उज्ज्वल भट्टाचार्य