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दुश्मन-दोस्त / रमेश नीलकमल
Kavita Kosh से
मैं मानता हूँ -
दुनिया के सारे लोग
एक-दूसरे के दोस्त नहीं हो सकते
न चाहने के बावजूद
उनमें होता रहेगा
एक दूसरे के विचारों का विरोध
फिर भी दोस्ती रहेगी
दोस्त रहेंगे
दुनिया दोस्त-विहीन नहीं रहेगी
दुश्मन भी रहेंगे दुनिया में
एक-दूसरे के
कारण भी होंगे ही
दुश्मन बने रहने के
फिर भी होते रहेंगे प्रयास
दुश्मनी को कम कर
दोस्ती की धरातल पर
उतरने का
यही प्रयास है
हमारी जिजीविषा
एक दूसरे के निकट आकर
जीवंत बने रहने की
अदम्य लालसा
दुश्मनी कम करने के
तरीकों को खोजेगी
खोजेगी कारण
दोस्त बनने का
बने रहने का
तभी
दुश्मन भी बनेंगे दोस्त।