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दूधी की धार मारूं माता नै / हरियाणवी
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हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
दूधी की धार मारूं माता नै कदे तू गुमानी भूल नहीं जा
याद दिलांऊ सूं अक आवैगी अब नई बहूरानी बेटा भूल नहीं जा
भाई का सुखी हो सरीर, जुग जुग जीवो मेरा बीर
याद दिलाऊं सूं अक मां जाई की या सै निसानी बीरा भूल नहीं जा