भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

दूरी / लालसिंह दिल / सत्यपाल सहगल

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

ये रास्ते धरती और मंगल के नहीं
जिन्हें रॉकेट नाप सकते हैं

ना ये रास्ते
दिल्ली और मास्को या वाशिंगटन के हैं
जिनको आप रोज़ नापते हैं

यह दूरी
हमारे और तुम्हारे बीच
तीरों के नापने की है।