मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
दूर-दूर रे जटा
दूर रहिहें रे जटा
सड़ल चाउर रे जटा
राख छाउर रे जटा
बैगन भाँटी रे जटा
जुलुफी समारिते चल अबिहें रे जटा
दूर-दूर हे जटिन
दूर रहिहऽ हे जटिन
सड़ल भाते हे जटिन
सड़ल तीमन हे जटिन
सड़ल भांटी हे जटिन
जुटिया गुहैते चल अबिहऽ हे जटिन
दूर-दूर रे जटा
दूर रहिहें रे जटा
सड़ल चाउर रे जटा
राख-छाउर रे जटा
बैगन - भांटी रे जटा
धोतिया पेन्हैते चल अबिहें रे जटा
दूर-दूर हे जटिन
दूर रहिहऽ हे जटिन
सड़ल भात हे जटिन
सड़ल तीमन हे जटिन
सड़ल भांटी हे जटिन
मनटिकबा पेन्हैते चल अबिहऽ हे जटिन