दूर दिसावर सै आई नणंदिया, भाई भतीजे के चाव / हरियाणवी
दूर दिसावर सै आई नणंदिया, भाई भतीजे के चाव
हाल मेरा जा सुनरे से कहिओ
दस के तो हंसली दस क कडूले यो ही री भाभी नेग मेरा
हाल मेरा जा सुनरे से कहिओ
टाट की अंगिआ मूंज की तगिआ, यो ही बीबी जी नेग तेरा
हाल मेरा जा सुनरे से कहिओ
लेणा होए तो ले ले नणंदिया, नहीं तो करूंगी बुरा हाल
हाल मेरा जा सुनरे से कहिओ
मेरी री आंगण गां का खूंटा, उसमें पड़या है मोटा रस्सा
हाल मेरा जा सुनरे से कहिओ
रस्से से बांधूं नणद हठीली, रेसम से बांधूं तेरा भइआ
हाल मेरा जा सुनरे से कहिओ
कस कर बांधूं नणद हठीली, ढीला सा बांधूं तेरा भइआ
हाल मेरा जा सुनरे से कहिओ
आधी सी रात निकल रहे तारे, नणद गई है खूंटा पाड़
हाल मेरा जा सुनरे से कहिओ
सास नणद की पूछण लागी, क्या कुछ बहुअड़ नेगी
हाल मेरा जा सुनरे से कहिओ
संग की सहेली पूछण लागी, के कुछ ल्याई भैण नेग
हाल मेरा जा सुनरे से कहिओ
गां बांधण नै ल्याई हूं खूंटा, सामण झूलण नै रस्सा
हाल मेरा जा सुनरे से कहिओ