भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
दूर सड़क पर / अनीता वर्मा
Kavita Kosh से
दूर
सड़क पर
गाड़ियों की रोशनी
वहाँ
गति है
जीवन है
यहाँ
दर्द की आँखें
उन्हें देखती हुईं