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दूसरा कदम / उमा अर्पिता
Kavita Kosh से
जीवन की राह में
आने वाले
समस्त नदी-नाले,
बीहड़ जंगल
गहरे विशाल समुद्र
पार करने
कितने मुश्किल हो उठते हैं,
एक छोटे-से कदम के लिए...!
मेरे दोस्त--
दूसरा कदम
गर साथ बढ़ाओ तुम
तो हम
बामन की भाँति
अपने कदमों से
माप लेंगे
समस्त--
धरती और आकाश...