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देखते-देखते / आभा पूर्वे
Kavita Kosh से
तुमने मेरे आंचल के कोर पर
जो एक नाम लिख दिया था
फिर तुम न जाने कहाँ गये
समय बीतता गया
और नाम लिखा
मेरा आंचल
रामनामी बन गया।