भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
देखना सबसे पहली घटना है / गुल मकई / हेमन्त देवलेकर
Kavita Kosh से
प्रेम -
विश्वास जगाने की सहज क्रिया है
अचानक हम पाते
कुछ विशिष्टता अपने भीतर
और 'साधारणता'
इन बदलावों को देख
अचंभित खड़ी रहती
मसलन उल्टे हाथ की सबसे छोटी उंगली में
आ जाती है पहाड़ ठेलने की ताक़त
त्वचा के भीतर
इच्छाशक्ति की कोशिकाओं में
होने लगते हैं ऐसे करिश्मे
जब पता चलता
कि कोई है जो अपनी हथेली पर
आपके नाम का पहला अक्षर
लिखा करता है अक्सर
और आप 'चमत्कार' की तरह घट जाते हैं
किसी के जीवन में