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देखने में सुंदर लड़कियां / अभिनव अरुण

Kavita Kosh से
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 ठण्ड में सिकुड़ती नहीं
 बारिश में भींगती नहीं
 न ही धूप में जलती हैं सुंदर लड़कियां
 सुंदर लड़कियां मोबाइल से बात करते ड्राइव करें तो भी नहीं कटता उनका चालान
 सुदंर लड़कियां स्कूटी से किसी को टक्कर मार गिर जाएँ तो कराहता रह जाता है घायल
 और आठ दस लोग दौड़ पड़ते हैं लड़की और उसकी बाइक को उठाने
 सुंदर लड़कियों से मनमाने भाड़े की ज़िद नहीं करते ऑटो – रिक्शा वाले
 बिना मोल भाव के घट जाती हैं वस्तुओं की कीमत उनके लिए
 सुंदर लड़कियां बैंक में लाइन नहीं लगतीं सीधी काउंटर पर धमक जाती हैं
 आपने आवाज़ उठाई तो बैंक का गार्ड आपको ही कर देता है गेट से बाहर
 पुलिस भी सुनती है उन्ही की आप हवालात में पहुँच जाते हैं
 सुंदर लड़कियां संवेदनशील स्थानों पर भी मुंह को स्कार्फ से ढंके जा सकती हैं
 स्याह रात को भी लगा सकती हैं काले चश्मे उन्हें कोई नहीं टोकता
 सुंदर लड़कियां आपको छ्लें तो भी छलिया कहे जाते हैं आप ही
 सुंदर लड़कियों की एक आवाज़ पर एंटी रोमियो दल बनता है
 आपकी सौ आवाज़ पर भी एंटी जूलियट स्क्वाड कभी नहीं बनता
 सुंदर लड़कियां कुछ भी लिखें शाया हो जाती हैं तपाक से आलमी रिसालों में
 सुंदर लड़कियों के दस नम्बर ऐसे ही बढ़ जाते हैं उदारता से
 और आपकी परीक्षा और कड़ी हो जाती है
 सुंदर लड़कियां दबी होती है तारीफों के पुल के नीचे
 जिसकी नींव में कराह रही होती हैं सैकड़ों उम्मीदें
 जिन्हें भरोसा होता है अपनी काबिलियत पर
 सुंदर लड़कियां ज़िद्दी भी होती हैं चाहती हैं उनकी हर बात मानी जाए
 सुंदर लड़कियां जितनी जल्दी रूठती हैं उतनी ही जल्दी मान भी जाती हैं
 क्योंकि असुरक्षित भी महसूस करती करती हैं ख़ुद को सुंदर लड़कियां
 वे जानती हैं वही नहीं हैं दौरे हाज़िर की आख़िरी और एकमात्र सुदर लड़की
 शायद शुक्रिया की हक़दार भी होती हैं
 तमाम युद्धों के मूल में रहने वाली सुंदर लड़कियां
 जो छिपी रह जाती हैं इतिहासकार की नज़रों से
 जिनपर कवितायेँ बनती हैं और सदियों तक पढ़ी जाती हैं पद्मावत की तरह
 सच है छलावों का कोई युग नहीं होता
 देवता भी छलते हैं विश्व मोहिनी रूप धरकर ही
 सच यह भी है कि कोई भी प्रतिपादन सनातन नहीं होता
 सच यह भी है कि दैहिक सुन्दरता स्थाई नहीं होती