Last modified on 17 सितम्बर 2018, at 17:01

देखा मैंने प्यारा सर्कस / निशान्त जैन

देखा मैंने जंबो हाथी
कूद रहे थे बंदर,
दिखा रहे थे खेल शेर और
झूम रहे थे जोकर।
 
जोकर ने फिर नाच-नाचकर
ऐसी कूद लगाई,
हो गई सिट्टी-पिट्टी गुम यों
जान गले में आई।
 
फिर जोकर ने ठुमक-ठुमककर
ऐसा खेल दिखाया,
मटक-मटक के लोट-पोटकर
हमको खूब हँसाया।
 
बंदर थे मनमौजी इतने
मचा रहे थे शोर,
कभी खड़े हो, कभी बैठकर
घूमें चारों ओर।