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देखें वो कब शाद करे है / राजेंद्र नाथ 'रहबर'

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देखें वो कब शाद करे है
ग़म से कब आज़ाद करे है


मेरे हाल पे रोने वाले
क्यों आंसू बर्बाद करे है


कितना सच्चा प्यार था अपना
आज भी दुनिया याद करे है

हर पल आहें भरता गुज़रे
हर लम्हा फ़रियाद करे है


मिलते थे जिस पेड़ तले हम
तुम को बराबर याद करे है


किस के हिज्र में आंखें नम हैं
किस को ऐ दिल याद करे है