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देखो रूठा ना करो, बात नज़रों की सुनो / हसरत जयपुरी
Kavita Kosh से
देखो रूठा ना करो, बात नज़रों की सुनो
हम न बोलेंगे कभी, तुम सताया ना करो
देखो रूठा ना करो.....
चेहरा तो लाल हुआ, क्या क्या हाल हुआ
इस अदा पर तेरी, मैं तो पागल हुआ
तुम बिगड़ने जो लगो, और भी हंसीं लगो
हम न बोलेंगे कभी, तुम सताया ना करो
देखो रूठा ना करो.....
जान पर मेरी बनी, आपकी ठहरी हंसी
हाय मैं जान गई, प्यार की फितनागरी
दिल जलाने के लिये, ठंडी आहें न भरो
देखो रूठा ना करो.....
तेरी खुशबू ने मेरे, होश भी छीन लिये
है खुशी आज हमें, तेरे पहलू में गिरे
दिल की धड़कन पे ज़रा, फूल सा हाथ रखो
हम न बोलेंगे कभी...
क्या कहेगा ये समां, इन राहों का धुँआ
लाज आए मुझे, मुझको लाए हो कहाँ
हम तुम्हें मान गए, तुम बड़े वो हो हटो
देखो रूठा ना करो...