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देखो सखी छवि राम बन्ना की / बुन्देली

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

देखो सखी छवि राम बन्ना की
माथे मौर खौर केसर की,
कजरारी अंखियन सुरमा की। देखो...
श्याम गात केसरिया बागो,
कानन कुण्डल कर कंगना की। देखो...
ब्याह विभूषण राजत अंगन,
शोभा हरन नैन मद बांकी। देखो...
कंचन कुंअरि कहां लग बरनौ,
बाकी अजब झरोखन झांकी।
देखो सखी छवि राम बन्ना की।