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देख रहा है वो तो सब कुछ / हरि फ़ैज़ाबादी
Kavita Kosh से
देख रहा है वो तो सब कुछ
देखो कब करता है रब कुछ
सबका कैसे पेट भरेगा
आबादी है एक अरब कुछ
चारागर यूँ नहीं बोलता
कर सकता है वो ही अब कुछ
विधवा ने सिन्दूर ख़रीदा
होगा इसका भी मतलब कुछ
बात बदलने से बेहतर है
पहले सोचें कहिए तब कुछ
सब थे लेकिन, बिना तुम्हारे
उस दिन मुझको लगा अजब कुछ
घड़ी अचानक बंद हो गयी
बिना किसी से कहे सबब कुछ
यूँ ही आशिक़ नहीं जहां में
एक अरब के एक अरब कुछ
रोक रहा दिल वरना अब भी
चाह रहे हैं कहना लब कुछ