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देर आयद /गुलज़ार
Kavita Kosh से
आठ ही बिलियन उम्र जमीं की होगी शायद
ऐसा ही अंदाज़ा है कुछ 'साइंस' का
चार अशारिया छः बिलियन सालों की उम्र तो
बीत चुकी है
कितनी देर लगा दी तुम ने आने में
और अब मिल कर
किस दुनिया की दुनियादारी सोच रही हो
किस मज़हब और ज़ात और पात की फ़िक्र लगी है
आओ चलें अब---
तीन ही 'बिलियन' साल बचे हैं!