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देवता / रंजीता सिंह फ़लक

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मैंने
तुम्हारी मनुष्यता
से प्रेम किया,
और तुम
मुझे देव से लगने लगे
मेरे प्रेम ने की
तुम्हारी आराधना ।

और तुम
ख़ुद को देवता मान
आजमाने लगे
मुझ ही पर
सर्जना और विनाश के नियम ।