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देशोॅॅ लेॅ सोचोॅ / अमरेन्द्र

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कुच्छू तेॅ देशोॅ लेॅ सोचोॅॅ
पैहिलै सेॅ तेॅ छेलौं छोॅ टा
नयका साल में फेनू एक टा
थाह कहीं पर छौं की, नै छौं
ई साल बेटी, ऊ साल बेटा
भरले रहै छौं हरदम खोचोॅ
कुच्छू तेॅ देशोॅ लेॅ सोचोॅ ।

साले-साल ई छट्टी भौजी
बीकी जेथौं चट्टी भौजी
केना केकरा पालवौ-पोसबौ
खुलथौं आँख के पट्टी भौजी
बिलबिल करथों जेहनोॅ मूसोॅ
कुच्छू तेॅ देशोॅ लेॅ सोचोॅ ।

हिन्नें रोकोॅॅ देश बढ़ावोॅ
आॅपरेशन के लैन लगावोॅ
पुत्रा पावै के छोड़ोॅ किंछा
ढेंगरा-ढंेगरी घौंज-मौज-बोचोॅ
कुच्छू तेॅ देशोॅ लेॅ सोचोॅॅ ।