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देश की माटी/ अनन्या गौड़
Kavita Kosh से
माटी से देश की नहीं ऊँचा कोई सम्मान है
यही तो हमारी रोज़ी रोटी यही बस ईमान है।
देखे हैं वतन यूँ तो कई हमने पूरी दुनिया में
जुदा मगर सबसे यही हमारा हिंदुस्तान है।
चरन पखारे इसके, नदियाँ ये पावन कितनी
धरती ये वीरों की, हम इस पर कुर्बान हैं।
हुए शहीद कितने कि इस पर आंच न आए
कुरुक्षेत्र हल्दीघाटी अमिट इसकी पहचान हैं।