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देश भक्ति के अपमान / हम्मर लेहू तोहर देह / भावना

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आई सबेरे-सबेरे उठली
त गांव के चउपाल से
सुनाई देइत रहे अवाज-
देस-भक्ति गीत के
हम इआद करे के कोसिस करे लगली-
न आई छब्बीस जनवरी हए
न पनडह अगस्त
न कोनो महान नेता के
जनम आ मरन दिन
फेनू ई गीत
एतना सबेरे-सबेरे?
बहुत देर माथा-पच्ची के बादो
जब न बुझाएल हमरा
त पूछली-
गांव के एगो कका से
जे ओनही से अबइत रहथ
ऊ बतएलन-
बऊआ!
ई देस-भक्ति गीत पर
बनएले हए चुनाव प्रचार।
हमरा सुनकऽ बड़ा दुख भेल
हम माथ पर हाथ ध क सोचे लगली-
देस के/आ देस-भक्ति के भावना के
आई से जादा अपमान
आऊर की हो सकइअऽ?