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देश हमारा / मनमोहन
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देश हमारा कितना प्यारा
बुश की भी आँखों का तारा
डण्डा उनका मूँछें अपनी
कैसा अच्छा मिला सहारा
मूँछें ऊँची रहें हमारी
डण्डा ऊँचा रहे तुम्हारा
ना फिर कोई आँख उठाए
ना फिर कोई आफ़त आए
बम से अपने बच्चे खेलें
दुनिया को हाथों में ले लें
भूख ग़रीबी और बेकारी
ख़ाली -पीली बातें सारी
देश-वेश और जनता-वनता
इन सबसे कुछ काम न बनता
ज्यों-ज्यों बिजिनिस को चमकाएँ
महाशक्ति हम बनते जाएँ
हम ही क्यों अमरीका जाएँ
अमरीका को भारत लाएँ
झुमका ,घुँघटा,कंगना,बिन्दिया
नबर वन हो अपना इण्डिया
हाई लिविंग एण्ड सिम्पिल थिंकिंग
यही है अपना मोटो डार्लिंग
मुसलमान को दूर भगाएँ
कम्युनिस्ट से छुट्टी पाएँ
अच्छे हिन्दू बस बच जाएँ
बाक़ी सारे भाड़ में जाएँ ।