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देश / अशोक शुभदर्शी
Kavita Kosh से
पहनै लेॅ
गोड़ोॅ में
बनै छै
जूता-चप्पल ...
देश नै।
पियै लेॅ
होय छै पानी,
शर्बत ...
देश नै।
बेचै लेॅ
बाजारोॅ में
बहुते कुछ छै
देश नै।