भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

दोनों मित्रों के पास निराला / विष्णुचन्द्र शर्मा

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

एक को लगा
लॉस एंजलस शहर
बच्चों की खुली हुई क़िताब है ।

दूसरे को लगा
लॉस एंजलस शहर
लोहा, पत्थर और शीशे के स्थापत्य का
खिला हुआ कमल है ।

एक ने,
भागती कारों को देखकर कहा :
शहर की सड़कें
गतिमान शिराएँ हैं ।

दूसरे ने कहा :
नहरों और फूलों के बीच
हर ऊँचा उठा भवन
शीशा जड़ा पेड़ है
शीशा जड़े पेड़ों की
अनगिनत दुनिया है ।

दोनों मित्रों के पास
रोने डेन ड्रोन का पेड़
हथेली में फूले आसमान को
थामे हुए खड़ा है
निराला-सा !

रचनाकाल : 1986