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दोहा मन्दाकिनी, पृष्ठ-58 / दिनेश बाबा

457
पकड़ो आरु बंद करो तुरते दहू सजाय
देरी करबो न्याय लेॅ, ‘बाबा’ छै अन्याय

458
आरोपी कोनो हुवे, वें नैं लडै चुनाव
ताकी नैं लागै कभी, न्याय तंत्रा के घाव

459
आरोपी के बन करी, सघन कराबो जाँच
ऐतै नैं, जौं ई हुवे, न्याय तंत्रा पर आँच

460
बिकलो नाँखी लगै छै, कत्ते न्यायाधीस
व्यर्थ निकालै छै सभे, नेता सब पर खीस

461
बाहुबली के सामने, बिकलै न्यायाधीस
हक साधै लेॅ पारटी, करथौं ढीसमढीस

462
‘बाबा’ पारटी के टिकट, लेली बजड़ै मीस
सफल हुवै छै बस वही, जें दै मोटो फीस

463
पारटी सुप्रिमों बनी, करो दलित उद्धार
धन जोगै के साथ ही, पिनियै सगरो हार

464
‘अ’ अहिंसा सें हँटलै, उल्टी गेलै अर्थ
‘बाबा’ नयका अर्थ में, नेता करै अनर्थ