भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

दोहा मन्दाकिनी, पृष्ठ-74 / दिनेश बाबा

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

585
पेस बैटरी देश के, युवा हुवै छै चार्ज
एक सानिया मिर्जा आ अंजू बाॅबी जार्ज

586
सोडावाटर के जकां उधियाबो नै जोश
कुछ कामों खातिर जमा, ‘बाबा’ राखो होश

587
बात-बात पर कोर्ट के जब मिललै फटकार
कान बंद करने तबो, पड़लो छै सरकार

588
चोटभुसको रं लगै छै, केंद्रो के सरकार
देह पटैलो रं जना, मारो जात्तेॅ

589
आम लोग अब आम नैं, भेॅ गेलो छै खास
सरकारो के भी यही, आबेॅ लगलै रास

590
नेता के बतिया सुनी, के होतै हैरान
जानै छै सब नसे-नस, सब केॅ, छै पहचान

591
बानी करूवो नै भला, रखियै मिट्ठो बोल
मिसरीकन पैभो कना, जौं रोपै छो ओल

592
बेमतलब संसार में, के छै मेहरबान
समझी बूझी केॅ चलो, तभिये बचथौं जान