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दोहा मन्दाकिनी, पृष्ठ-81 / दिनेश बाबा
Kavita Kosh से
641
कागज पर ही लगै छै, देश छिकै गनतंत्र
छै विकास सगरो कहाँ, निज विकास छै मंत्र
642
नै खैय्यो चीनी अधिक, नै बेसी खा नून
कहथांै हय अपराध छै, सेहत के कानून
643
चालिस के पहिने तलुक, घी खैबो छै ठीक
डाक्टर सें पूछी करो, बातो के तसदीक
644
दोमी के खाहो मतर, करिहो धरपट काम
नैं तेॅ बैंक डिपोजिटें, करथौं नींद हराम
645
धन संचय तेॅ ठीक छै, आगू दै छै काम
देहो के चर्बी बढ़ै, करै अंग केॅ जाम
646
दुनिया के व्यवहार सें, मलिन होय छै मोॅन
की की नै करवाय छै, नाशवान हय धोॅन
647
सीधा भोजन में जहाँ, फास्ट हुवै छै फूड
‘बाबा’ बूझै नै कुछो, की छेकै ई मूड
648
समय छिकै रफ्तार के, फास्ट कहाबै फूड
मोॅन करै जे हर घड़ी, वही कहाबै मूड