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दो कमरे बनवाए हैं / अनिमेष मुखर्जी
Kavita Kosh से
दो कमरे बनवाए हैं
दिल की छत पर
कुछ लम्हे
वक्त से लोन लेकर
इनमें ज़रा यादें छोड़ जाओ
तो कब्ज़ा हो जाए।