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दो बस्तियों के बीच में बनने लगा है पुल / विनोद तिवारी
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दो बस्तियों के बीच में बनने लगा है पुल
लोगों की बातचीत का इक मुद्दआ है पुल
छितरा गए हैं लोग सियासत की गंदगी
सरगोशियों की भीड़ में खो-सा गया है पुल
फिर इक ने सफ़र के लिए हौसला मिला
बदले हुए मिज़ाज की ताज़ी हवा है पुल
इक शख़्स है कहता है बहुत ठीक हुआ है
इक शख़्स की निगाह में इक हादसा है पुल