दौलत के आगे पीछे जब मेहनत नहीं होती / उदयप्रताप सिंह
दौलत के आगे पीछे जब मेहनत नहीं होती
बरकत जिसे कहते हैं वो बरक़त नहीं होती
शाहो ने सर झुकाये फ़क़ीरों के सामने
किरदार से बढ़ कर कोई ताक़त नहीं होती
क़ुर्बानियों का जज्बा न हो जब दोनों तरफ से
क़समों के बाबजूद मुहब्बत नहीं होती
मनिए मत मानिये कहना ज़मीर का
दिखावे की शराफ़त में शराफ़त नहीं होती
ओसामा बिन लादेन के किस्से से सबक़ लो
मर्ज़ी न हो उसकी तो हिफाज़त नहीं होती
हम अच्छे बुरे होने के खुद जिम्मेदार हैं
क़ुदरत की तरफ से कोई आदत नहीं होती
माँ बाप की खुशियों की जिन्हें फ़िक़्र नहीं है
हरगिज़ क़बूल उनकी इबादत नहीं होती
नफरत करे हर आदमी से आदमी होकर
हैरत है अगर इस पे भी हैरत नहीं होती
कीमत नहीं पहचानता जो अपनी बातकी
उस आदमी की बात की कीमत नहीं होती
ग़ालिब को अपने दौर में फुरसत की चाह थी
इस दौर में तो मरने की फुरसत नहीं होती